रक्षाबंधन (Rakshabandhan)
रक्षाबंधन (Rakshabandhan) को भारतीय परम्परा में बहुत ही पवित्र त्यौहार माना जाता है इस दिन बहनें अपने भाइयो की कलाई में रक्षासूत्र बांधती है और भाई बहन की रक्षा का वचन देता है | रक्षाबंधन क्यों कब मनाया जाता है|और रक्षाबंधन की कहानी क्या है ? पर हम विस्तार से आगे लेख में जानेगे |रक्षाबंधन का इंतजार बहनो और भाइयो को साल भर रहता है | इस दिन बहनें अपने भाइयो की लंबी उम्र और खुशियों की कामना करती और भाई अपनी बहन की जीवनभर रक्षा का वचन देता है
रक्षाबंधन क्यों मानते है ?
भारत एक त्योहारों का देश है यहाँ अनेक त्यौहार मनाये जाते है जिनमे रक्षाबंधन प्रमुख है | रक्षाबंधन क्यों कब मनाया जाता है| लेख में यहाँ सबसे पहले जानते है , रक्षाबंधन क्यों मानते है ? रक्षाबंधन भाई बहन के पवित्र रिश्ते का त्यौहार है इस दिन भाइयो को बहनो के प्रति कर्तव्य की याद दिलाने के लिए मनाया जाता है | इस दिन बहनें अपने भाइयो के हाथो में राखी के रूप में रक्षा सूत्र बांधती और उनकी खुशियों और सफलता की कामना करती है वही भाई भी बहन की रक्षा का वचन देता है |रक्षाबंधन से जुडी कई कहानिया भी जिसका वर्णन आगे लेख में हम करेंगे |
रक्षाबंधन कब मनाया जाता है ?
हर साल रक्षाबंधन का त्योहार हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है|अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह त्यौहार अगस्त माह में आता है, रक्षाबंधन भाई बहन के प्रेम और पवित्र रिश्ते का सूचक है | रक्षाबंधन पर राखी या रक्षा सूत्र बांधने के शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष दिन भर बिभिन्न समय पर होते है | शुभ मुहूर्त के लिए अपने पंडित / ज्योतिषी से पूछा जा सकता है |
रक्षाबंधन की कहानी क्या है ?
रक्षाबंधन क्यों कब मनाया जाता है|और रक्षाबंधन की कहानी क्या है ? इस लेख आईये अब जानते है रक्षाबंधन की कहानियाँ यु तो कई कहानियाँ प्रचलित है किन्तु निम्न दो कहानियाँ अत्यधिक कही और सुनी जाती है |
पहली कहानी (राज बलि और माँ लक्ष्मी)
प्रचलित पौराणिक कथाओ के अनुसार राजा बलि विशेष यज्ञ करके स्वर्ग पर विजय प्राप्त करना चाहता था |इस बात से घबराकर देवराज इन्द्र भगवान विष्णु से सहायता मांगने गए तब भगवान विष्णु वामन अवतार रखकर राजा बलि के पास गए और 3 पग धरती मांग ली |
दो पग में भगवान ने पूरी धरती नाप ली तब राजा वाली समझ गए ये कोई साधारण वामन नहीं बल्कि स्वयं भगवान विष्णु है तब तीसरे पग के लिए राजा बलि ने अपना सर उनके आगे झुका दिया यह भाव देखकर भगवान विष्णु प्रसन्न हो गए .
और राजा बलि को वरदान मांगने को कहा तो राजा बलि ने वरदान में भगवान विष्णु को ही मांग लिया इस पर भगवान विष्णु ने तथास्तु बोल दिया यह बात जब माँ लक्ष्मी को पता चली तो वे राजा बलि के पास पहुंची और राक्षसूत्र बांधकर भाई बना लिया इसपर राजा बलि ने प्रसन्न होकर उपहार मांगने को कहाँ तो उपहार में माँ लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को मांग लिया |तभी से कहते है की रक्षाबंधन की शुरुआत हुई |
दूसरी कहानी (भगवान श्री कृष्ण और द्रोपदी)
के अनुसार जब भगवान श्री कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया, तब उनकी उंगली सुदर्शन चक्र की से कट गई । उंगली कटने की वजह से खून की धार बहने लगी थी। उसी समय द्रोपदी ने अपनी साड़ी को चिर कर उसके एक टुकड़े को भगवान श्री कृष्ण की उंगली में बांध दिया। उसके बाद से ही भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को अपने बहन के रूप में स्वीकार कर उन्हें हर संकट से बचाने का वचन दिया था। इसी वजह से भगवान श्री कृष्ण ने द्रोपदी को चीर हरण में निर्वस्त्र होने से भी बचाया था।
सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न : रक्षाबंधन का त्यौहार कब मनाया जाता है ?
उत्तर : श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है |
प्रश्न : रक्षाबंधन का त्यौहार कैसे मनाते हैं ?
उत्तर : बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती है|भाई बहनो को उपहार देते है |
प्रश्न : रक्षाबंधन का इतिहास कितने साल पुराना है ?
उत्तर : रक्षाबंधन के इतिहास के विषय में केस कहानियाँ प्रचलित है किन्तु यहाँ बताना बहुत मुश्किल है की रक्षाबंधन की शुरुआत कब हुई ||
रक्षाबंधन के ऊपर लिखे गए लेख रक्षाबंधन क्यों कब मनाया जाता है|और रक्षाबंधन की कहानी क्या है ? में हमने रक्षाबंधन से जुड़ी जानकरी एकत्रित कर सरल और संछिप्त रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश की है उम्मीद है आपको अच्छी लगी होगी अगर आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताये धन्यवाद |