एक सशक्त महिला का पर्याय वसुंधरा राजे
अगर एक शब्द में श्रीमती वसुंधरा राजे के बचपन से लेकर वर्तमान तक के जीवन और उनके कार्यो को बयां किया जाएं तो वह शब्द होगा – “सेवा”। उन्होने अपना सारा जीवन लोगों की, राष्ट्र की और गरीबों की सेवा में समर्पित कर दिया है। कई लोगों के लिए दूसरों की सेवा करना एक अलग कार्य होता है जिसके लिए वह लोगों के लिए समर्पण की भावना पैदा करते है और उसे आत्मसात् करने की कोशिश करते हैं, लेकिन वसुंधरा राजे जी के लिए यह कोई कार्य नहीं है बल्कि उनका मानना है कि उनका जन्म ही लोगों और देश की सेवा करने के लिए हुआ है। एक सशक्त महिला का पर्याय वसुंधरा राजे (Vasundra Raje ) का जन्म 8 मार्च 1953 को बॉम्बे में हुआ था,
जिसे वर्तमान में मुम्बई के नाम से जाना जाता है। वसुंधरा राजे के माता – पिता अत्यंत प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से गिने जाते थे, जिन्होने भारतीय सार्वजनिक जीवन के लिए अमूल्य योगदान दिया। श्रीमती वसुंधरा राजे के पिता महाराजा जीवाजी राव सिंधिया, ग्वालियर के शासक थे। ग्वालियर, आजादी से पूर्व भारत के मध्य में स्थित सबसे भव्य राज्य हूआ करता था।
उनकी माता, राजमाता विजयाराजे सिंधिया आजादी के पश्चात् एक महान नेता के रूप में उभरी, जिन्हे उनकी सादगी, उच्च विचारधारा और वैचारिक प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता था, वह गरीब से गरीब जनता के प्रति बेहद समर्पित थी। 40 साल के राजनीतिक कार्यकाल के दौरान, उन्हे कुल 8 बार मध्यप्रदेश के गुना क्षेत्र से संसद का प्रतिनिधत्व चुना गया, जो कि एक रिकॉर्ड है। राजमाता सिंधिया को जनसंघ और भाजपा के कई दिग्गजों जैसे – अटल बिहारी बाजपेई और श्री लालकृष्ण आडवाणी के साथ काम करने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ था।
वसुंधरा राजे एक ऐसे माहौल में पैदा हुई थी, जहां सेवा, देशभक्ति और राष्ट्र के प्रति समर्पण ही सबसे महत्वपूर्ण था। वह अपने माता – पिता, महाराज जीवाजी और विजायाराजे जी की चार संतानों में से तीसरे नम्बर की संतान थी। उनकी बड़ी बहन श्रीमती ऊषा राजे जी की शादी, नेपाल के सबसे प्रतिष्ठित परिवार में हुई, जो वर्तमान में वहीं है। उनके बड़े भाई स्वर्गीय श्री माधवराव सिंधिया, भारत के सफल नेताओं में से गिने जाते थे लेकिन 2001 में असामयिक घटना में उनका निधन हो गया था।
वसुंधरा राजे की छोटी बहन श्रीमती यशोधरा राजे जी है, जो ग्वालियर से सांसद के रूप में भाजपा का प्रतिनिधित्व करती है।शुरूआती दिनों से ही, वसुंधरा राजे के दूरदर्शी माता – पिता ने सुनिश्चित कर लिया था कि वह अपने बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देगें और उन्हे लोगों की सेवा में अग्रसर रहने के लिए प्रेरित करेगें, ताकि वह बड़े होकर गरीबों की सेवा करें और राष्ट्र के हित में सदैव प्रयासरत रहें।
वसुंधरा राजे जी ने अपनी स्कूली शिक्षा, कोडाईकनाल के प्रेजेन्टेशन कॉन्वेन्ट स्कूल से पूरी की। इसके पश्चात्, उन्होने मुम्बई विश्वविद्यालय के सोफिया कॉलेज से अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में सम्मान के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वसुंधरा राजे जी के राजस्थान राज्य के साथ मधुर सम्बंध उनकी शादी के बाद प्रगाढ़ हुए। उनका विवाह राजस्थान के धौलपुर में पूर्व शाही परिवार में हुआ था। धौलपुर, राजस्थान का पूर्वी भाग है। यह एक बंधन है जो आज तक मजबूती से बंधा है और दिनों – दिन अधिक मजबूत होता जा रहा है।
वसुंधरा राजे का राजनीतिक जीवन
प्रारंभिक जीवनः राजनैतिक कैरियर में संघर्ष और सफलता एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक होने के बावजूद वसुन्धरा जी का जीवन बहुत संघर्षमय बीता, लेकिन जीवन के हर संघर्ष का उन्होंने दृढ़ता से सामना किया। केवल आठ साल की उम्र में इन्होंने अपने पिता को खो दिया था, लेकिन मां श्रीमती विजयाराजे द्वारा दिए गए संस्कारों ने इन्हें सदैव संबल प्रदान किया। जनसेवा और राजनीति के माहौल में पली बढ़ी वसुन्धरा जी में परमार्थ सेवा के गुण स्वतः ही विकसित हुए। सन् 1960 से 1970 के दशक में इन्होंने कांग्रेस पार्टी के आम जनता पर अत्याचारों और अपनी मां द्वारा इनका विरोध देखा। यह वह समय था जब पूरा राष्ट्र सत्ता में बैठे लोगों की मनमानी का अखाड़ा बन गया था।
इसी के चलते आपातकाल के दौरान राजमाता विजयाराजे को गिरफ्तार कर लिया गया। वसुन्धरा जी का राजनीति में पदार्पण सन् 1984 में हुआ, जब उन्होने नवगठित भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्यता ली। मात्र एक वर्ष बाद ही इन्हें राजस्थान भाजपा के युवा मोर्चे का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसी वर्ष वे धौलपुर से 8वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य के रूप में भी निर्वाचित हुई। इस जीत ने एक बार फिर से वसुन्धरा जी के जनसेवा और समर्पण का परिचय दिया।
और एक सशक्त महिला का पर्याय वसुंधरा राजे बानी दरअसल यह वह समय था जब श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस और श्री राजीव गांधी को विधानसभा चुनावों में भारी बहुमत प्राप्त हुआ था। लेकिन वसुन्धरा जी ने पूरे देश में कांग्रेस का बहुमत होने के बावजूद विधानसभा चुनावों में सफलता हासिल की थी। इन्हीं सफलताओं के कारण सन् 1987 में उन्हें राजस्थान भाजपा का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
वसुन्धरा राजे जी केंद्रीय मंत्री के रूप में मार्च 1998 में 12वीं लोकसभा के लिए चुनाव हुए, जिसमें भाजपा को 182 सीटों के साथ ज़बरदस्त जनादेश मिला। श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी। वही एक बार फिर से वसुन्धरा जी को झालावाड़ से चुना गया, लेकिन चुनाव में यह जीत पिछली जीत से कुछ अलग थी। मार्च 1998 में ये न केवल एक सांसद के रूप में निर्वाचित हुई, बल्कि इन्हें राज्य मंत्री के रूप में विदेश मंत्रालय का काम भी सौंपा गया। विदेश राज्य मंत्री के रूप में राजे जी ने विभिन्न देशों की यात्रा की और भारत के साथ उन देशों के संबंधों को और मजबूती प्रदान की।
11 और 13 मई 1998 को केंद्र की भाजपा सरकार ने वह कर दिखाया जो अभी तक किसी भी केंद्रीय सरकार ने नहीं किया था। दरअसल इस समय भारतीय प्रधानमंत्री ने देश की परमाणु क्षमताओं के परीक्षण का आदेश दिया था। अब भारत एक परमाणु शक्ति समपन्न देश था, लेकिन इस साहसिक कदम की विश्व समुदाय में अलग ढंग से प्रतिक्रिया हुई। वहीं अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारतीय अनुदानों पर प्रतिबंध तक लगा दिए। ऐसे नाजुक समय में वसुन्धरा जी ने साहस के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने भारतीय पक्ष रखा। इसी के चलते अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने बहुत जल्द ही सारे प्रतिबंधों को वापस ले लिया।
कई राजनैतिक उठा पटक के बाद अप्रेल 1999 में केवल 13 महीने के कार्यकाल के साथ वाजपेयी सरकार ने इस्तीफा दे दिया। देश में एक बार फिर से चुनाव हुए। राष्ट्र ने वापस भाजपा में विश्वास प्रकट किया और मंत्री परिषद ने फिर से वाजपेयी जी के साथ शपथ ली। पांच बार सांसद रह चुकी वसुन्धरा जी ने चुनाव झालावाड़ से जीता और उन्होंने राज्य मंत्री, (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ ली।
जो जिम्मेदारियां उन्हें सौंपी गई थी, उनमें लघु उद्योग, कृषि एवं ग्रामीण उद्योग के साथ ही वसुन्धरा राजे जी को डी.ओ.पी.टी (पर्सनल एंड ट्रैनिंग) डिपार्ट्मेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर, वेलफेयर इन द मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल, पब्लिक ग्रीवैन्सेज़ एंड पेंशनर डिपार्ट्मेंट ऑफ एटमिक एनर्जी एंड डिपार्ट्मेंट ऑफ स्पेस का अतिरिक्त भार भी सौंपा गया (प्रधानमंत्री के साथ)।
श्रीमती वसुन्धरा राजे जी ने वैश्विक आर्थिक वातावरण में लघु उद्योगों को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए व भारतीय लघु उद्योग क्षेत्र में मदद के लिए कई ठोस कदम उठाए। इनमें प्रमुख है एस.एम.ई के लिए ऋण बढ़ाने हेतु ऋण गारंटी योजना व क्रेडिट रेटिंग योजना। अतिरिक्त प्रभार के मंत्री के रूप में वसुन्धरा जी देश के अधिकारी तंत्र को नेतृत्व और दिशा प्रदान करने में भी शामिल थी।
इसी समय राजग सरकार ने जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाने हेतु एक बिल का मसौदा तैयार किया जो आगे चलकर सूचना के अधिकार अधिनियम का आधार बना। जिसमें वसुन्धरा राजे जी ने भी योगदान दिया। वसुन्धरा जी ने केंद्रीय मंत्री के रूप में बहुत सी उपलब्धियां हासिल की, लेकिन यहीं इन उपलब्धियों का अंत नहीं होता। दरअसल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनके लिए कई नई और महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां तैयार कर रखी थी।
विपक्ष के नेता के रूप में राजस्थान चुनाव 2008 में भाजपा ने 200 सदस्य वाली राजस्थान राज्य विधानसभा में 78 सीटें हासिल की जो कि कांग्रेस पार्टी की 98 सीटों की विजय की तुलना में सिर्फ 18 कम थी। कांग्रेस पार्टी ने गठबंधन सरकार का गठन किया और वसुन्धरा जी को विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया। लेकिन कुछ समय पश्चात् ही भारतीय जनता पार्टी के महासचिव के रूप में उन्हें कार्यभार सौंपा गया। जहां उन्होंने पार्टी के संगठनात्मक मामलों का कार्यभार संभाला।
मार्च 2013 में राजे जी को विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भाजपा पार्टी ने फिर से चुना। अंतरर्राष्ट्रीय दौरे स्विटज़रलैंड (27 से 31 जनवरी 2006) राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक आम बैठक के लिए स्विटज़रलैंड के दावोस की यात्रा की। अमेरिका (जून 2005) राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में अमेरिका की यात्रा की। स्विटज़रलैंड (27 से 31 जनवरी 2005) राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक आम बैठक के लिए स्विटज़रलैंड के दावोस की यात्रा की। । सिंगापुर (जून 1998) राज्य मंत्री के रूप में सिंगापुर की यात्रा की।
कोलंबिया (18 से 20 मई 1998) राज्य मंत्री के तौर पर मंत्रिस्तरीय बैठक के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। विदेश नीतियों और परमाणु परीक्षणों की प्रासंगिकता व प्राथमिकताओं पर भारतीय विचार व्यक्त करने के साथ ही कोलंबिया के राष्ट्रपति से मुलाकात की। मिस्र (9 से 10 मई) जी-15 की बैठक के लिए मिस्र का दौरा किया। मिस्र के विदेश मंत्री के साथ लघु उद्योग में सहयोग पर एमओडी व वार्ता।
वसुंधरा राजे के पुरष्कार और सम्मान
अंतर्राष्ट्रीय
- श्रीमती वसुंधरा राजे को सयुंक्त राष्ट्र के तत्वावधान में खादी उत्पादों और कोटा डोरिया को प्रोत्साहित करने के लिए “वूमन टूगेदर अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया था।
- राजस्थान को “इंटरनेशनल यूनेस्को कन्फ्यूशियस पुरस्कार 2006”से सम्मानित किया गया। यह एक अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार है। राजस्थान अकेला ऐसा राज्य है जिसे यह पुरस्कार दिया गया है।
- एशिया के सभी पुलिस स्टेशनों पर जारी क्षेत्रीय रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान राज्य में जयपुर में स्थित “शिप्रा पथ पुलिस स्टेशन” (आईएसओ प्रमाणित पुलिस स्टेशन), वैश्विक स्तर पर चयनित चार सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशनों में से एक है। पूरे देश में यही स्टेशन ऐसा है जिसे यह दर्जा प्राप्त हुआ है।
- Travelasia.com साइट के द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण में राजस्थान को एशिया में सबसे अच्छे पर्यटन स्थल का खिताब हासिल हुआ है।
राष्ट्रीय
- हनुमानगढ़ को 2006 में “सत्येन मैत्रा पुरस्कार” से नवाजा गया और चित्तौड़गढ़ को 2007 में साक्षरता के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए पुरस्कार दिया गया।
- राज्य के 41 पुलिस स्टेशनों को आईएसओ प्रमाणपत्र प्राप्त हुए।
- 9वें नेशनल ई – गवर्नेंस सम्मेलन में राज्य के पुलिस विभाग के वेब आधारित सॉफ्टवेयर “आरक्षी” को मॉडल ई – गवर्नेंस पुरस्कार दिया गया।
- भारत सरकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय ई – गवर्नेंस सेमिनार के दौरान राज्य के “एनीव्हेयर रजिस्ट्री प्रोजेक्ट” (Anywhere Registry Project) को नागरिक केंद्रित वितरण में उत्तम कार्य के लिए पदक मिला।
- भारत सरकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय ई – गवर्नेंस सेमिनार के दौरान राजस्थान के “ई – मित्र प्रोजेक्ट” को फरवरी 2007 में नागरिक केंद्रित सेवा में उत्तम कार्य के लिए मेडल मिला।
- संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत, राजस्थान के 9जिलों की 23ग्राम पंचायतों को सन् 2006 में पहली बार “निर्मल ग्राम पुरस्कार” के लिए चयनित किया गया।
- राजस्थान ने इंडिया टेक एक्सीलेंसी अवॉर्ड की “ग्रामीण और शहरी बुनियादी ढ़ांचे” की श्रेणी में पहला स्थान प्राप्त किया है।
- वाटरशेड विकास कार्यो में विशिष्ट उपलब्धियों के लिए राजस्थान को “इंडिया टेक एक्सीलेंसी अवॉर्ड” में पहला पुरस्कार मिला।
- “दक्षिण एशियाई टूर और ट्रैवल एक्सचेंज” के अनुसार, राजस्थान को दक्षिण एशिया के क्षेत्र में सबसे लोकप्रिय स्थल माना जाता है।
- सूरतगढ़ थर्मल पावर स्टेशन को भारत सरकार द्वारा मार्च २००७ में उत्कृष्ट उत्पादन के लिए शील्ड देकर सम्मानित किया गया।
- राजस्थान को भारत सरकार द्वारा “रबी अभियान 2004 – 2005” के सफल कार्यान्वयन के लिए 1 करोड़ के नगद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- हाल ही में (9 अक्टूबर 2007) “क्रिसिल जेएनएनयूआरएम अवॉर्ड” के दौरान राजस्थान को शहरी सुधार पहल में उत्तम प्रदर्शन के लिए उड़ीसा के बाद दूसरे स्थान पर रखा गया, जो कि वाकई में प्रंशसनीय है।
- अजमेर नगरपालिका ने अन्य शहरों की श्रेणी में सबसे प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। वहीं छत्तीसगढ़ राज्य का रायपुर शहर दूसरे नम्बर पर था।
(Article curtesy : vasundraraje.in )
2 thoughts on “एक सशक्त महिला का पर्याय वसुंधरा राजे The Empowered woman Vasundra Raje”