भगवान श्री राम के 16 गुण आपको बना सकते है 1 आदर्श व्यक्तित्व Awe-inspiring and caring personality

भगवान श्री राम के 16 गुण आपको बना सकते है 1 आदर्श व्यक्तित्व

भगवान श्री राम जी को भगवान  विष्णु के 7वें अवतार माना जाता है ।श्रीराम सनातन धर्म और  हमारे इतिहास के सबसे आदर्श पुरुष माने जाते हैं। धार्मिक ग्रंथो और पुराणों में उन्हें श्रेष्ठ राजा बताया गया है। भगवान श्री राम के 16 गुण आपको बना सकते है 1 आदर्श व्यक्तित्व भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। उन्होंने मानव रूप में जन्म लिया और ऋषि विश्वामित्र से क्षिक्षा दीक्षा के उपरांत पृथ्वी पर असंख्य राक्षसों का संहार कर किया। सत्य, धर्म, दया और मर्यादाओं पर चलते हुए राज किया। उन्होंने जिस तरह से राज किया, उसे राम-राज्य कहा जाता है।

और आज भी भगवान राम के राम – राज्य की मिशाल दी जाती है हमारी संस्कृति,सदाचार और धर्म की जब भी बात होती है तो श्री राम का नाम ​लिया जाता है। घर के बुजुर्ग से सुना होगा की  बेटा हो तो राम जैसा, राजा हो तो राम जैसा, चरित्र हो तो राम जैसा। भगवान श्री राम के 16 गुण जिसे वर्तमान समय में भी एक आदर्श माना जाता है

और जो आपको बना सकते है 1 आदर्श व्यक्तित्व जरुरत है अपने जीवन में भगवान श्री राम को धारण करें की भगवान श्री राम का  व्यवहार देवता, ऋषि, मुनि, मनुष्य, पक्षी, पशु आदि सभी के साथ ही सामान्य , अलौकिक और अतुलनीय है। देवता,मुनि, ऋषि,और मनुष्यों के साथ साथ जाम्बवान, सुग्रीव,  रीछ-वानर, जटायु आदि पक्षी तथा विभीषण आदि राक्षसों के साथ भी उनका दयापूर्ण प्रेमयुक्त और त्यागमय व्यवहार रहा है कि उसे स्मरण करने से ही मन को अलौकिक शांति मिलती है।

रामचरित मानस में भगवान श्री राम को एक आदर्श पुरुष के रूप में तथा मर्यादा पुरषोत्तम के रूप में उल्लेखित किया गया है उन्होंने पिता की आज्ञा से 14 वर्ष वनवास में विताये किन्तु फिर भी उन्होंने सत्य, दया, करुणा, धर्म और मर्यादा के मार्ग पर चलते हुए राज किया और एक आदर्श श्रेष्ठ राजा कहलाये और आज भी राम – राज्य  की मिशाल दी जाती है .जब संस्कृति और सदाचार की बात होती है तो भगवान श्री राम का नाम सर्व प्रथम लिया जाता है

उन्होंने साक्षात पूर्णब्रह्म परमात्मा होते हुए भी मित्रों के साथ मित्र जैसा, माता-पिता के साथ पुत्र जैसा, सीता जी के साथ पति जैसा, भाइयों के साथ भाई जैसा, सेवकों के साथ स्वामी जैसा, मुनि और ब्राह्मणों के साथ शिष्य जैसा, इसी प्रकार सबके साथ यथायोग्य त्यागयुक्त प्रेमपूर्ण व्यवहार किया है। अत: उनके प्रत्येक व्यवहार से हमें शिक्षा लेनी चाहिए। श्री रामचंद्र जी के राम -राज्य का तो संसार उद्धरण दिया जाता है । जहां कहीं सबसे बढ़कर सुंदर शासन या सुशासन  होता है, वहां ‘रामराज्य’ की उपमा दी जाती है। ऐसे है मेरे राम 

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भगवान राम के 16 गुण

भगवान  श्रीराम को पुरुषों में सबसे उत्तम मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। वे एक आदर्श व्यक्तित्व लिए जाने और पहचाने जाये है । एक धनुष और एक वचन धारण करने वाले थे। उन्होंने एक पत्नी व्रत भी धारण कर रखा था। भगवान राम के 16 गुण थे। 16 गुणों के अलावा वे 12 कलाओं से युक्त थे।

  1. गुणवान (योग्य और कुशल)
  2. किसी की निंदा न करने वाला (प्रशंसक, सकारात्मक)
  3. धर्मज्ञ (धर्म का ज्ञान रखने वाला)
  4. कृतज्ञ (आभारी या आभार जताने वाला विनम्रता)
  5. सत्य (सत्य बोलने वाला और सच्चा)
  6. दृढ़प्रतिज्ञ (प्रतिज्ञा पर अटल रहने वाला, दृढ़ निश्‍चयी )
  7. सदाचारी (धर्मात्मा, पुण्यात्मा और अच्छे आचरण वाला, आदर्श चरित्र)
  8. सभी प्राणियों का रक्षक (सहयोगी)
  9. विद्वान (बुद्धिमान और विवेक शील)
  10. सामर्थशाली (सभी का विश्वास और समर्थन पाने वाला समर्थवान)
  11. प्रियदर्शन (सुंदर मुख वाला)
  12. मन पर अधिकार रखने वाला (जितेंद्रीय)
  13. क्रोध जीतने वाला (शांत और सहज)
  14. कांतिमान (चमकदार शरीर वाला और अच्छा व्यक्तित्व)
  15. वीर्यवान (स्वस्थ्य, संयमी और हष्ट-पुष्ट)
  16. युद्ध में जिसके क्रोधित होने पर देवता भी डरें : (वीर, साहसी, धनुर्धारि, असत्य का विरोधी)

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भगवान राम के व्यक्तित्व को तुलसीदासजी निम्न दोहे में बहुत ही सुन्दर वर्णन किया है .

जो आनंद सिंधु सुख रासी ।

 सीकर तें त्रैलोक सुवासी ॥

 सो सुख धाम राम अस नामा ।

 अखिल लोकदायक विश्रामा ।।

जो आनंद का समुद्र और सुख के भंडार हैं , जिनकी एक बूंद से तीनों लोक सुखी हो जाते हैं , उनका नाम राम हैं । वह सुख के धाम हैं और संपूर्ण लोकों को शांति देने वाले हैं. तुलसी दास कहते हैं ‘ राम ‘ शब्द सुख – शांति के धाम का सूचक है । राम की प्राप्ति से ही सच्चे सुख और शांति की प्राप्ति होती है । राम सर्वशक्तिमान हैं । उनकी भौंहों के तेवर मात्र से सृष्टि की उत्पत्ति और विनाश होता है ।

ऐसे मर्यादा पुरुषोत्तम राम केवल एक आदर्श मनुष्य , पुत्र , भाई व पति ही नहीं बल्कि एक आदर्श व कुशल शासक भी हैं । भगवान श्री राम के 16 गुण जिनकी विशेषता और परिणाम आपको बना सकते है 1 आदर्श व्यक्तित्व भगवान श्रीराम का इतना प्रभाव था कि उनके राज्य में मनुष्यों की तो बात ही क्या, पशु-पक्षी भी प्राय: परस्पर वैर भुलाकर निर्भय विचरा करते थे। भगवान श्रीराम के चरित्र के 16 गुण बड़े ही प्रभावी और अलौकिक है।

अकसर पूछे जानेवाले सवाल

प्रश्न :भगवान राम का इतिहास क्या है?

उत्तर : भगवान राम का जन्म सूर्यवंश में राजा दशरथ के सबसे बड़े बेटे के रूप में अयोध्या में हुआ था| रामायण तथा रामचरित मानस के अनुसार सबसे भगवान राम की पत्नी सीता तथा भाई लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न थे।

प्रश्न :राम जी की कितनी पत्नियां थी?

उत्तर : रामजी की एक ही पत्नी माता सीता थी |

प्रश्न :राम जी का असली नाम क्या है?

उत्तर : रामजी का असली शास्त्रों के अनुसार दशरथ राघव कहा जाता है |

प्रश्न :भगवान राम के कितने गुण थे?

उत्तर : भगवान राम के १६ गुण थे |

 

 

 

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