भोपाल | शुक्रवार, 19 दिसम्बर 2025 | 12:09 IST
सतना जिले में एक मरीज को संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने की गंभीर घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस संवेदनशील मामले में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने त्वरित और कड़ी कार्रवाई करते हुए दोषियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कदम उठाए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई सीईओ आयुष्मान भारत डॉ. योगेश भरसट की अध्यक्षता में गठित सात सदस्यीय जांच समिति की प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर की गई है। जांच में सामने आया कि ब्लड बैंक स्तर पर आवश्यक सावधानियों और मानकों का पालन नहीं किया गया, जिससे मरीज की जान जोखिम में पड़ी।
प्राथमिक जांच निष्कर्षों के आधार पर जिला चिकित्सालय सतना के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. देवेन्द्र पटेल तथा लैब टेक्नीशियन श्री रामभाई त्रिपाठी और श्री नंदलाल पांडे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
वहीं, जिला चिकित्सालय सतना के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. मनोज शुक्ला को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वे निर्धारित समय-सीमा में अपना लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। स्पष्टीकरण संतोषजनक न पाए जाने की स्थिति में उनके विरुद्ध कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य स्तरीय समिति का गठन 16 दिसम्बर को किया गया था। समिति की अध्यक्षता डॉ. योगेश भरसट (आईएएस), संचालक, राज्य रक्ताधान परिषद (SBTC) द्वारा की जा रही है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई यह कार्रवाई यह संकेत देती है कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह मामला न केवल प्रशासनिक सख्ती का उदाहरण है, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि स्वास्थ्य सेवाओं में छोटी-सी चूक किसी की ज़िंदगी पर भारी पड़ सकती है।
